सेक्सी प्रोफेसर सलमा हमारी नई मेडम
मैं उदित हूँ और कॉलेज में पढता हूँ. मेरे क्लास में एक नई प्रोफेसर आई थी उसका ट्रान्सफर किसी दुसरे शहर से हुआ था उसकी उमर 33-34 साल थी उसके शादी के 5 साल हो गए थे पर उसको कोई बच्चा नहीं हुआ था. उसका पति प्राइवेट नौकरी में था और वो अक्सर टूर पर रहता था. (कितना बेडलक था उसका, घर में फटके जैसे बीवी चूत फैला के सोती होंगी और वो होटलों में गांड अकेला सोता होगा) मेरी प्रोफेसर सलमा का पति बाहर आफिस के काम के सिलसिले में बाहर गया हुआ था. सलमा को एक खाली मकान की जरुरत थी जिसे वो किराये पर लेना चाहती थी, कॉलेज ज्वाइन करने के बाद वो होटल में रह रही थी. हमारे पड़ोस में एक खाली मकान नया बना था जो काफ़ी अच्छा और हवादार था। जब मेम ने मुझसे पूछा तो मैने उस खाली मकान के बारे में और उस मकान का पता बता दिया. अगले दिन सलमा मेरे साथ घर आई और मकान देखने मेरी मां को साथ लेकर चली गई
मेरे घर के बाजू में मैंने मेडम को मकान किराये पे दिलवाया
मेडम को मकान काफ़ी अच्छा लगा और किराया भी काफ़ी ठीक -ठाक था, सो सलमा ने मकान मालिक को आने वाले महीने में शिफ्ट करुँगी कहा और एडवांस में किराया दे दिया. जून महीने की पहली तारीख को सलमा अपने सामान के साथ आई और उस मकान में शिफ़्ट कर गई. मेडम का हमारे पड़ोस में आने के बाद हमारे यहाँ कुछ ज्यादा ही आना -जाना हो गया ,धीरे-धीरे उसने मेरी मां से दोस्ती कर ली. एक दिन मेडम ने मेरी माँ को कहा की मुझे कुछ सब्जेक्ट में ज्यादा पढ़ाई की जरुरत है और वो मुझे पढ़ा देगी और ट्यूशन फीस भी नहीं लेगी, बस मेरी मां को और क्या चहिये था. मेडम अब मुझे घर पर पढने आने के लिए बोल दिया और मैं जाने लगा, मैं वहां पढने वाला अकेला ही
पहले ही दिन ट्यूशन पढने मैं उसके घर गया तो देखा कि उसने ढीली टॉप और जीन्स पहन रखा था, लग रहा था उसने टॉप के अंदर ब्रा भी नहीं पहनी थी और टॉप का बटन भी खुला हुआ था. मेडम ने मुझे पढने के लिए दिया और मेरे सामने बैठ कभी-कभी वो अपनी चूचियां अपने हाथ ठीक करती रहती थी ,उसकी बड़ी-बड़ी चूचियों जैसे बाहर आने के लिए मचल रही हो मैं उसकी ये सब देख कर के मस्ती में भर जाता और मन में हो रहा था कि मैं सलमा की मस्त चूचियां दबा दूं और उसकी चूत में लंड दे दूँ पर ऐसा करने की हिम्मत नहीं हो रही थी. मेरा लंड तन कर मुसल की तरह सख्त हो गया था और मेरी पैंट से बाहर निकलने को मचल रहा था, पर मैं मैडम को कुछ कह नहीं पा रहा था. कोई २ घंटे पढ़ाने के बाद मेडम ने मुझे कहा उदित तुम अपनी माँ से पूछ कर आ जाओ मैं सोच रही थी की तुम यहीं सो जाते तो अच्छा रहता. मैंने कहा ठीक है मैडम मैं माँ से पूछ कर आता हु ,जब मैं चलने लगा तो मेडम ने कहा उदित तुम रहने दो यहीं रुको ,मैं ही पूछ कर आती हूं.
तभी मैंने मेडम के चुंचे उनके टॉप के अंदर से देखे, मेरा मन बहुत सेक्सी हुआ था. मेडम ने देखा की मैं उनके चुंचे देख लिये हैं, वोह हंसी और बोली, घबरा मत उदित…मैं तेरी माँ को बोलके आती हूँ फिर खोल के देख लेना…ओह तो इसका मतलब मेडम ने इसीलिए यह सब नाटक रचा हुआ था
सलमा ने साडी पहना और मेरे यहाँ चली गई. काफी देर बाद वो मेरा पैजामा और शर्ट ले कर आ गई. मेरे घर से आते ही सलमा ने कहा- यार तेरी माँ तो कपडे दे ही नहीं रही थी वो बोल रही थी की उदित केवल पैजामा और बनियान में सोता है ,फिर भी मैं तेरी माँ से बोल कर तेरा पैजामा और शर्ट ले आई ताकि हमदोनो के बारे में किसी को कोई शक न हो. सलमा अपने कपडे खोलने लगी उसने अपनी साडी और ब्लाउज को खोल लिया ,अब वो पेटीकोट और ब्रा में थी. पेटीकोट में उसकी भरी हुई चौड़ी गांड देख कर मेरा लंड खड़ा होने लगा , मैंने हिम्मत करके सलमा से बोला -मैडम जब मेरे सामने आप अपना कपडा खोलती हो तो लगता है मैं आपका ही पति हूँ.
तो सलमा मैडम ने कहा- तो तुम मुझे अपनी पत्नी की तरह समझ कर इस्तेमाल क्यों नहीं करते. फिर क्या था इतना सुनते ही मैंने सलमा मैडम की मस्त गोल-मटोल चुन्चियों को पीछे से ही पकड़ कर मसलने और दबाने लगा. इधर मेरा 8 इंच का मुसल लंड खड़ा हो कर मैडम की चौड़ी भरी हुई गांड में पेटीकोट के उपर से ही घुसा जा रहा था. चुंचियां दबाते हुए मैंने उसकी गर्दन पर किस करना शुरू कर दिया इससे सलमा सिसक उठी और बोली -और जोर से मसलो. मैं उसकी चुंचियां जोर-जोर से रगड़ने लगा और उसने अपनी मस्त भरी भड़कम गांड का पूरा दबाव मेरे खड़े लंड पर डाल दिया. मैं सलमा के ब्रा को उपर सडरका कर उसकी नंगी चुन्चियों को एक हाथ से दबाने लगा और दुसरे हाथ से उसके पेटीकोट को उठा कर उसके चूत पर ले गया, उसकी चूत बिलकुल चिकनी थी और गीली भी.
मेरा लंड रह-रह कर उसकी गांड में घुस रहा था. मेडम अचानक मेरे से अलग हो गई और पैजामा में हाथ डाल कर मेरे लंड को बाहर निकल लिया, लंड देखते ही बोल पड़ी- ये तो किसी गधे के लंड जैसा है मेरी छोटी सी चूत को तो फाड़ कर रख देगा. मैं बोला मैडम आप चिंता मत कीजिये मैं आपकी प्यारी सी चूत को आराम से चोदुंगा, मैडम मेरी तरफ कातिल निगाहों से देखने लगी और मेरे लंड को अपने मुलायम हाथों से सहलाने लगी, सहलाते-सहलाते उसने अपने जीभ से मेरे लंड का सुपाड़ा चाटने लगी. कुछ देर चाटने के बाद उसने मेरे लंड को अपने मुंह में भर लिया और किसी लोलीपोप की तरह उसे चूसने लगी, लंड चूसते-चूसते वो मेरी तरफ भी आँख उठा कर देखती थी मैं तो आनन्द के सागर में गोते लगा रहा था मन कर रहा था ये समय कभी खत्म ही न हो. वो काफी देर तक मेरा लंड चुसती रही और मैं सिसकियाँ लेता हुआ उसके मुंह में ही झड गया, वो सारा का सारा पानी पी गई और लंड के उपर लगे बचे-कुचे वीर्य को चाट कर लंड साफ कर दिया.
मेडम अपने बाकि बचे हुए कपडे पेटीकोट और ब्रा को खोल कर बिल्कुल नंगी हो गई और मेरे पैजामा को खींच कर मुझे भी नंगा कर कर दिया. उसकी नजर जैसे ही मेरे लंड पर पड़ी वो हसने लगी मेरा लंड सिकुड़ कर आधा हो गया था. वो मेरा हाथ पकड़ कर मुझे अपने बेड पर ले गई ,बेड पर वो खुद लेट गई और मुझे भी अपने बगल में सुला लिया और अपने निप्पल को मेरे मुंह में डाल कर बोली चुसो मेरी जान. मैं उसके चुन्चों को पकड़कर चूसने लगा वो मेरे जांघ पर अपना पैर चढ़ा कर मेरे गांड को पकड़ कर अपने दबा लिया जिससे मेरा लंड उसकी चूत में सट रहा था. अब वो अपने हाथों से मेरा गांड और पीठ सहलाने लगी. कुछ देर बाद वो 69 की पोजीशन में आकर मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसने लगी और अपनी चिकनी चूत को मेरे मुंह पर लगा दिया.
मैं उसकी चूत को फैला कर कुछ देर तक सूँघता रहा क्या मदमस्त सुगंध थी उसके चूत की और फिर उसके गुलाबी छेद को चूसने-चाटने लगा. उसके चूत से पानी बहने लगा और मेरा भी लंड अकड़ गया ,तभी सलमा अपने मुंह से मेरा लंड निकल कर चित हो कर लेट गई और मुझसे कहा -आओ जान अपना गधे जैसा लंड मेरी चूत में डाल दो. मैंने अपना मुसल लंड उ
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सेक्सी प्रोफेसर सलमा हमारी नई मेडम
मैं उदित हूँ और कॉलेज में पढता हूँ. मेरे क्लास में एक नई प्रोफेसर आई थी उसका ट्रान्सफर किसी दुसरे शहर से हुआ था उसकी उमर 33-34 साल थी उसके शादी के 5 साल हो गए थे पर उसको कोई बच्चा नहीं हुआ था. उसका पति प्राइवेट नौकरी में था और वो अक्सर टूर पर रहता था. (कितना बेडलक था उसका, घर में फटके जैसे बीवी चूत फैला के सोती होंगी और वो होटलों में गांड अकेला सोता होगा) मेरी प्रोफेसर सलमा का पति बाहर आफिस के काम के सिलसिले में बाहर गया हुआ था. सलमा को एक खाली मकान की जरुरत थी जिसे वो किराये पर लेना चाहती थी, कॉलेज ज्वाइन करने के बाद वो होटल में रह रही थी. हमारे पड़ोस में एक खाली मकान नया बना था जो काफ़ी अच्छा और हवादार था. जब मेम ने मुझसे पूछा तो मैने उस खाली मकान के बारे में और उस मकान का पता बता दिया.
मेरे घर के बाजू में मैंने मेडम को मकान किराये पे दिलवाया
मेडम को मकान काफ़ी अच्छा लगा और किराया भी काफ़ी ठीक -ठाक था, सो सलमा ने मकान मालिक को आने वाले महीने में शिफ्ट करुँगी कहा और एडवांस में किराया दे दिया. जून महीने की पहली तारीख को सलमा अपने सामान के साथ आई और उस मकान में शिफ़्ट कर गई. एक दिन मेडम ने मेरी माँ को कहा की मुझे कुछ सब्जेक्ट में ज्यादा पढ़ाई की जरुरत है और वो मुझे पढ़ा देगी और ट्यूशन फीस भी नहीं लेगी, बस मेरी मां को और क्या चहिये था. मेडम अब मुझे घर पर पढने आने के लिए बोल दिया और मैं जाने लगा,
कोई 2 घंटे पढ़ाने के बाद मेडम ने मुझे कहा उदित तुम अपनी माँ से पूछ कर आ जाओ मैं सोच रही थी की तुम यहीं सो जाते तो अच्छा रहता. मैंने कहा ठीक है मैडम मैं माँ से पूछ कर आता हु, जब मैं चलने लगा तो मेडम ने कहा उदित तुम रहने दो यहीं रुको,
तभी मैंने मेडम के चुंचे उनके टॉप के अंदर से देखे, मेरा मन बहुत सेक्सी हुआ था. मेडम ने देखा की मैं उनके चुंचे देख लिये हैं, वोह हंसी और बोली,
सलमा ने साडी पहना और मेरे यहाँ चली गई. काफी देर बाद वो मेरा पैजामा और शर्ट ले कर आ गई. मेरे घर से आते ही सलमा ने कहा- यार तेरी माँ तो कपडे दे ही नहीं रही थी वो बोल रही थी की उदित केवल पैजामा और बनियान में सोता है, फिर भी मैं तेरी माँ से बोल कर तेरा पैजामा और शर्ट ले आई ताकि हमदोनो के बारे में किसी को कोई शक न हो. सलमा अपने कपडे खोलने लगी उसने अपनी साडी और ब्लाउज को खोल लिया, अब वो पेटीकोट और ब्रा में थी.
तो सलमा मैडम ने कहा- तो तुम मुझे अपनी पत्नी की तरह समझ कर इस्तेमाल क्यों नहीं करते. फिर क्या था इतना सुनते ही मैंने सलमा मैडम की मस्त गोल-मटोल चुन्चियों को पीछे से ही पकड़ कर मसलने और दबाने लगा. इधर मेरा 8 इंच का मुसल लंड खड़ा हो कर मैडम की चौड़ी भरी हुई गांड में पेटीकोट के उपर से ही घुसा जा रहा था. चुंचियां दबाते हुए मैंने उसकी गर्दन पर किस करना शुरू कर दिया इससे सलमा सिसक उठी और बोली -और जोर से मसलो.
मेरा लंड रह-रह कर उसकी गांड में घुस रहा था. मेडम अचानक मेरे से अलग हो गई और पैजामा में हाथ डाल कर मेरे लंड को बाहर निकल लिया, लंड देखते ही बोल पड़ी- ये तो किसी गधे के लंड जैसा है मेरी छोटी सी चूत को तो फाड़ कर रख देगा.
मेडम अपने बाकि बचे हुए कपडे पेटीकोट और ब्रा को खोल कर बिल्कुल नंगी हो गई और मेरे पैजामा को खींच कर मुझे भी नंगा कर कर दिया. उसकी नजर जैसे ही मेरे लंड पर पड़ी वो हसने लगी मेरा लंड सिकुड़ कर आधा हो गया था. मैं उसके चुन्चों को पकड़कर चूसने लगा वो मेरे जांघ पर अपना पैर चढ़ा कर मेरे गांड को पकड़ कर अपने दबा लिया जिससे मेरा लंड उसकी चूत में सट रहा था. अब वो अपने हाथों से मेरा गांड और पीठ सहलाने लगी.
मैं उसकी चूत को फैला कर कुछ देर तक सूँघता रहा क्या मदमस्त सुगंध थी उसके चूत की और फिर उसके गुलाबी छेद को चूसने-चाटने लगा. उसके चूत से पानी बहने लगा और मेरा भी लंड अकड़ गया, तभी सलमा अपने मुंह से मेरा लंड निकल कर चित हो कर लेट गई और मुझसे कहा -आओ जान अपना गधे जैसा लंड मेरी चूत में डाल दो. मैंने अपना मुसल लंड उ
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